Friday, November 22, 2024
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दीवाली क्यों मनाई जाती है? जानिए वैज्ञानिक तर्क के साथ.

दीवाली क्यों मनाई जाती है?

पूरे भारत में हर साल दीवाली हर्षोल्लास से मनाई जाती है. घर के सभी सदस्यों के लिए दीवाली का एक खास महत्व है. लेकिन क्या आपको पता है दीवाली क्यों मनाई जाती है? क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी है?

दीवाली भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. दीवाली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान, और अंधेरे पर प्रकाश  की जीत का प्रतीक है. दीवाली का त्यौहार 5 दिन मनाया जाता है. पहला दिन धन तेरस है जब लोग घर की सफाई करते हैं तथा इस दिन सोना तथा दूसरी कोई चीज खरीदना शुभ माना जाता है.

दूसरा दिन नरका चतुर्दशी है. कहा जाता है इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में नरकासुर नामक राक्षस को मारा था. नरकासुर को मारने के बाद 16000 लड़कियों को भगवान श्री कृष्ण ने बचाया था और उनसे विवाह किया था. इस दिन हर घर में रंगोली बनाई जाती है और अलग-अलग प्रकार की मिठाइयां खरीदी या घर पर बनाई जाती है.

तीसरा दिन है दिवाली या फिर लक्ष्मी पूजा. इस दिन कहा जाता है कि भगवान राम, सीता तथा लक्ष्मण 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटे थे. पूरी अयोध्या में स्थित उनका स्वागत करने के लिए दीपक को की हार माला लगाई गई थी, इसलिए इसे दीपावली यानी कि दीपों की माला के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पटाखे फोड़े जाते हैं. घर पर रंगोली बनाई जाती है. तथा पूरे परिवार के साथ बड़े हर्षोल्लास से इसे मनाया जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन लक्ष्मी जी की शादी भगवान विष्णु से हुई थी. 

चौथा दिन है नया साल या गोवर्धन पूजा. भारत के कई राज्यों में इसे नया साल भी कहा जाता है जैसे कि गुजरात में.  इस दिन लोग एक दूसरे के घर पर जाते हैं और नए साल की बधाइयां देते हैं. छोटे बच्चों को नए उपहार दिए जाते हैं. कुछ लोग इस दिन को गोवर्धन पूजा के नाम से भी बनाते हैं.  कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली से उठाकर किसानों तथा गायों की  इंद्र के प्रकोप से रक्षा की थी.

पांचवा दिन है भाई दूज का. भाई दूज भाई तथा बहन के एक पवित्र बंधन का त्यौहार है.  इस दिन भाई अपनी शादीशुदा बहन के घर जाता है मिलने के लिए. और बहन भाई का तिलक करके स्वागत करती है और नए नए पकवान खिलाती है. कहां जाता है इसी दिन भगवान श्री कृष्ण नरकासुर को मारने के बाद अपनी बहन सुभद्रा के वहां पर गए थे.  और सुभद्रा ने उनका बड़े हर्षोल्लास से स्वागत किया था. 

विज्ञान तथा दिवाली

दीवाली में पटाखे फोड़ते हैं. बहुत सारे दिए जलाते हैं. लेकिन इसके पीछे क्या विज्ञान है?  हम दीवाली क्यों मनाते हैं?  चलिए जानते हैं विज्ञान के साथ.

1) फटाके क्यों जलाए जाते हैं? वैज्ञानिक तर्क

इसका कारन इन्सान के अन्दर का पिरोमैनिया नामक स्वाभाव है. ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के मुताबिक पिरोमैनिया (pyromania) का  मतलब, चीजों को आग लगाने के लिए एक अस्वाभाविक इच्छा है. आग के लिए ग्रीक शब्द Pyro है. यह हमारे जीन में है यदि इसे ठीक से नियंत्रित नहीं किया गया है तो यह मानसिक रोग बन जाता है. चूंकि हम सब लाखों साल पहले गुफाओं में रहते थे, इसलिए प्रकृति से हमारी मदद के लिए केवल आग थी. 

अगस्त 2010 में, लंदन के बड़े दंगे हुए पुलिस कार्रवाई से गुस्सा युवाओ ने  भवनों, घरों और दुकानों को आग लगा दी. लाखों पाउंड का नुकशान हुआ था. भारत में, प्रत्येक बंद या हड़ताल के दिन हम ऐसे आगजनी हमले देखते हैं. सामाजिक वैज्ञानिकों के मुताबिक इसका कारण पायरोमैनिया है. युवाओं में खर्च करने के लिए जबरदस्त ऊर्जा है, यदि आप उनको नियंत्रित विनाश करने के लिए कहते हैं जैसे कि बोनफायर या आतिशबाजी में आग लगाना, तो वे इसे भवनों या दुकानों आग नहीं लगाते.

हिंदुत्व विज्ञान पर पूरी तरह से आधारित है. इस पायरोमेनिया को जानते हुए हमारे पूर्वजों ने आपको नियंत्रित विनाश और आगजनी करने की अनुमति दी. आप दिवाली दिन या होली दिवस पर पटाखे फोड़ के तथा पुरानी चीजों को जलाकर अपनी यह स्वाभाविक इच्छा को तृप्त करते हैं.  ऐसा करने पर आदमी पायरोमेनिया से बच सकता है.

2) बहुत सरे दीपक जलाने का वैज्ञानिक कारण

इसके लिए वैज्ञानिक कारण ये हे की सर्दियों के महीनों में खेतो में कीड़ो की संख्या बहुत ही बढ़ जाती है. जो फसल को नुक्सान पहुचाते हे और कभी पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं. जब आप लाखों में दीपक जलाते हैं तो वे दीपक के प्रकाश की और आते हैं और इसमें गिर जाते है. आप उन्हें नहीं मारते हैं और आप पाप / दोष नहीं कमाते हैं. यह कीड़े की प्रकृति है जो उन्हें प्रकाश और मरने के लिए आकर्षित करती है.

इंग्लैंड में भी दीवाली के साथ ही हर साल 5 नवंबर को गाय फॉक्स डे (Guy Fawkes Night) आता हैं. जिसमे वो लोग भी गाव में इक्कठा होक आग लगाते है और दिवाली की तरह मनाते हैं.

कीड़े मारने के अलावा, यह ठंडे सर्दियों के दौरान गर्मी देता है. यह उन्हें एक साथ इकट्ठा करने, एक साथ सोचने और एक साथ कार्य करने का अवसर देता है.

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