नवरात्रि भारत की मुख्य त्योहारों में से एक है. लेकिन क्या आप जानते है नवरात्रि क्यों मनाई जाती है? हिन्दू धर्म के पुराणों के हिसाब से नवरात्रि साल में 4 बार आती है. लेकिन उनमें से दो नवरात्रि ज्यादा प्रसिद्ध है और पूरे देश में मनाई जाती है. यह तो नवरात्रि शरद नवरात्रि और वसंत नवरात्रि है, बाकी की दो नवरात्रि माघ और अषाढ़ महीने में आती है.
नवरात्रि हमारी भारतीय संस्कृति में आनन्द, उत्साह और परंपरा के साथ मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. देवी दुर्गा से जुडा हुआ ये त्यौहार है, नौ दिन उपवास अनुष्ठान में बहुत से धार्मिक महत्व और इसके साथ जुड़े विश्वास हैं. सकारात्मकता का नकारात्मकता पर जीत की प्रतीक है. गुजरात में नवरात्रा के दरमियान गरबा किये जाते है जो की माँ की उपासना का एक प्रतिक है.
चलिए जानते नवरात्रि साल कितनी बार आती है? तथा नवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
शरद नवरात्रि
पूरे देश में सबसे ज्यादा नवरात्रि शरद नवरात्रि मनाई जाती है. यह नवरात्रि शरद ऋतु शुरू की शुरुआत में मतलब कि अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष के प्रथम 9 दिवस (post-monsoon, September–October) में आती है. गुजरात में यह नवरात्रि बहुत प्रसिद्ध है लोक गरबा करते हैं और उपवास रखते हैं. पश्चिम बंगाल में इसे दुर्गा पूजा के नाम से मनाया जाता है. कर्नाटक का तो यह मुख्य त्योहार है. तकरीबन पूरे देश में यह शरद नवरात्रि मनाई जाती है.
नवरात्रि के 9 दिनों में माता दुर्गा के नौ रूप की पूजा की जाती है. प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के एक अलग रूप की पूजा की जाती है. वे देवी शैलपुत्री (दिन 1), देवी ब्रह्मचारिणी (दिन 2), देवी चंद्रघटा (दिन 3), देवी कूष्मांडा (दिन 4), देवी स्कंदमाता (दिन 5), देवी कात्यायनी (6 दिन), देवी कालरात्रि (दिन 7) हैं, देवी महागौरी (दिन 8) और देवी सिद्धिदात्री (दिन 9).
पूर्व तथा दक्षिण भारत में नवरात्रि का त्योहार राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. जबकि उत्तर भारत में एक-दो दिनों रामलीला होती है और दसवे दिन दशहरा के रूप में मनाया जाता है. दसवे दिन भगवान राम ने रावण के ऊपर विजय पाया था जो भी एक बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
वसंत नवरात्रि (चैत्र नवरात्रि )
दूसरी जो सबसे प्रसिद्ध नवरात्रि है वह है वसंत नवरात्रि. जो वसंत ऋतु के शुरुआत में यानी कि चैत्र महीने के के पहले 9 दिनों में मनाई जाती है. नौवां दिन रामनवमी कहलाता है श्री भगवान राम का जन्म हुआ था.
सभी नवरात्रि के सभी 9 दिन बहुत ही पावन माने जाते हैं. इस समय उपवास रखना बहुत ही शुभ माना जाता है. नवरात्रि उपवास रखने की परंपरा काफी सालों से चली आ रही हैलेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि नवरात्रि में 9 दिन के उपवास रखा जाता है, दिवाली और बाकी त्यौहार मे तो एक ही दिन उपवास रखते हैं. क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक तर्क है.
वैज्ञानिक कारण
अगर आपने ध्यान दिया हो तो यह दोनों नवरात्रि ऐसे समय में आती है जब ऋतु परिवर्तन होता है. जैसे ऋतु में परिवर्तन होता है वैसे ही हमारे शरीर की पाचन क्रिया भी मंद या तो तीव्र बनती है. और दोनों मौसमों के खाने की आदतों को एक दूसरे से काफी अलग हैं.
इस समय आयुर्वेदिक परिप्रेक्ष्य से हमारे शरीर की रोगप्रतिकर्ता बहोत ही कम होती है, ऐसे में मांस, अनाज, अल्कोहल, प्याज, लहसुन जैसे खाद्य पदार्थों को खाने से बीमार पड़ने की संभावना अधिक होती है. इसी लिए ऐ नो दिन हम उपवास करने से हमारे शरीर को नए मौसम के साथ अनुकूल होने का समय मिलता है. विज्ञान के मुताबिक ऐ नो दिन का उपवास हमारे शरीर को साफ (DETOXIFICATION) करने में बहुत ही लाभ देय होता है. साल में दो बार ऐसे उपवास से आप का शरीर एक दम तंदुरुस्त रहता है
नवरात्रि का उपवास शरीर को समायोजित करने और बदलते मौसम के लिए तैयार करने के लिए पर्याप्त समय देता हैं. इन नौ दिनों को एक ऐसे समय के रूप में चिह्नित किया गया है जब लोग अत्यधिक नमक और चीनी से परहेज करते हुए, उपवास के द्वारा ध्यान तथा सकारात्मक ऊर्जा हासिल करे. आत्मविश्वास हासिल करने और आत्मनिर्धारित शक्ति को बढ़ाने के साथ उपवास बहोत ही जरूरी है. उपवास शरीर को साफ कर देता है और अंत में परिवर्तित ऋतु की चुनौतियों के लिए शरीर को तैयार कर देता है.
गरबा क्यों खेलना चाहिये? वौज्ञानिक कारण
गरबा खेलने का भी सीधा ताल्लुक हमारे शरीर की सफाई से ही है. गरबा करने से शरीर में बहुत ही पसीना आता है जिस से शरीर के जितने भी जहरीले तत्त्व है वो पसीने के द्वारा बहार निकल जाते है. वैज्ञानिकों के हिसाब से गरबा खेलना ऐ अपने शरीर को DETOXIFICATION करने की सबसे अच्छी पध्धति है.