Sunday, May 19, 2024
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हिन्दू माथे पर तिलक क्यों लगाते हैं?

हिन्दू धर्म के अनुसार धार्मिक अवसरों, शादी-विवाह, त्यौहार या पूजा पाठ के समय चन्दन, कुमकुम या सिंदूर से माथे पर तिलक लगाया जाता है. हिन्दू परम्परा के अनुसार माथे पर तिलक लगाना बहुत ही शुभ माना गया है. लेकिन माथे पर तिलक लगाना खाली परंपरा नहीं है उसके पीछे बहुत वैज्ञानिक कारण है.

 वैज्ञानिक कारण 

  1.  आंखों के स्वास्थ्य तथा दृष्टि में सुधार होता है.

माथे का केंद्र बिंदु, जहां पर तिलक लगाते हैं वहां पर supratrochlear तंत्रिका होती है. माथे पर तिलक करने से या तंत्रिका उत्तेजित होती है. इस तंत्रिका को उत्तेजित करने से आँखों की मांसपेशियाँ सक्रिय हो जाती हैं, जिससे आँखों की दृष्टि और आँखों के स्वास्थ्य में सुधार होता है.

  1. सिर दर्द दूर होता है.

एक्यूप्रेशर के सिद्धांत के अनुसार अगर मस्तिष्क के मध्य मैं जो बिंदु है, वह कई नसों और रक्त वाहिकाओं का एक परिवर्तित बिंदु है. अगर इस बिंदु को दैनिक कुछ सेकंड के लिए दबाया जाए तो यह हमारे सिर दर्द को दूर करने में कारगर साबित होता है. जब हम तिलक लगाते हैं तब इसी बिंदु को हम दबाते हैं जो हमारे सिर दर्द को दूर करने में मदद करता है

  1. तनाव से राहत देता है और मन को शांत करता है.

मस्तिष्क का मध्य बिंदु पीनियल ग्रंथि से भी जुड़ा हुआ है जो हार्मोन सेरोटोनिन और मेलाटोनिन का उत्पादन करता है. मेलाटोनिन नींद का हार्मोन है, जबकि सेरोटोनिन खुशी से संबंधित हार्मोन में से एक है. अगर यह बिंदु को दैनिक दबाया जाए तो यह दोनों हार्मोन हमारे शरीर में ज्यादा बनते हैं. जिससे शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है और मन शांत और एकाग्र रहता है. इसीलिए तिलक लगाने से हमारा मन शांत एवं एकाग्र बनता है. 

  1. चेहरे का तेज बढ़ता है तथा झुर्रियों कम आती है.

माथे का केंद्र बिंदु सीधे supratrochlear तंत्रिका से जुड़ा हुआ है. जब सुप्राट्रोकलियर (supratrochlear) नस उत्तेजित होती है, तो चेहरे की मांसपेशियां भी उत्तेजित करती हैं और चेहरे की सभी मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह बढ़ाता है. यह मांसपेशियों को सख्त बनाए रखने में मदद करता है, त्वचा को पोषण देता है और झुर्रियों को हटाता है.

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