Thursday, November 21, 2024
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ई-रूपी क्या है? ई-रूपी कैसे काम करता है?

आजकल हर जगह पर ई-रूपी यानिकी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) की बाते हो रही है. आरबीआई ने हाल ही में रिटेल व्यवहार में ई-रूपी की शरुआत कर दी है. देश में नोतबंधी के बाद डिजिटल व्यवहारों में काफी वृद्धि हुई है. पहले के मुकाबले अब लोग डिजिटल व्यवहार में ज्यादा सतर्क है. आज कल लोग डिजिटल व्यवहार को आसानी से अपना रहे है. सब्जी बेचने वाले से लेकर बड़े बड़े मॉल में अब डिजिटल लेनदेन ही ज्यादा हो रहा है. इसी लिए भारत सरकार के लिए डिजिटल ई-रूपी लाना अब आसान तथा ज्यादा व्यवहारिक हो चुका है. अब ये समय की मांग बन चुकी है. 

ई-रूपी क्या है?

ई-रूपी का असली नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी है जिसे हम आसान भाषा में ई-रूपी कहते है. ई-रूपी आरबीआई द्वारा जारी की गई डिजिटल मुद्रा है. जैसे आरबीआई भौतिक रूप में सिक्के तथा नोट जारी करती है वैसे ही अब यही मुद्रा को डिजिटल रूप में जारी करेगी. 2,5,10,20,50,100,200,500 तथा 2000 के मूल्य के ई-रूपी के नोट तथा 50 पैसा एवं 1रुपए के सिक्के ई-रूपी के डिजिटल रूप में जारी किए जाएंगे. जैसे नोट पर आरबीआई के गवर्नर की साइन होती है तथा ” में धारक को इतने रुपए अदा करने का वचन देता हु”. जिसका मतलब है की अगर आपके पास १०० रुपए की नोट है तो इस १०० के मूल्य की गारंटी आरबीआई लेता है. आप इस कागज के १०० की नोट आरबीआई में देकर इसके मूल्य का सोना या फिर कोई और मूल्यवान चीज आरबीआई से ले सकते है. ई-रूपी में भी इसी तरह आरबीआई के गवर्नर की गारंटी होती है. नीचे दिए ई-रूपी के फोटो में आप आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर देख सकते है.

हाल में ई-रूपी का प्रयोग

आरबीआई द्वारा ई-रूपी के उपयोग का एक पायलट प्रोजेक्ट हाल में भारत के चार शहर मुंबई, न्यू दिल्ली, बेंगलुरु तथा भुवनेश्वर में शुरू किया जा चुका है. हाल में कुछ चुनिंदा ग्राहक तथा व्यापारियों के खास ग्रुप (जिसे क्लोज यूजर ग्रुप कहते है) में ही ई-रूपी का प्रयोग हो रहा है. यह ई-रूपी के प्रयोग का पहला दौर है. दूसरे दौर में ई-रूपी को अहमदाबाद, गंगटोक, गौहाटी, हैदराबाद, लखनऊ, पटना, शिमला, कोची तथा इंदौर में लागू किया जाएगा.

पहले दौर के प्रयोग में हाल चार बैंक एसबीआई, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक तथा आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को चुना गया है. इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक तथा कोटक महिन्द्रा बैंक को भी इस प्रयोग में शामिल किया जाएगा.

ई-रूपी का उपयोग कैसे किया जाएगा?

हाल में जिस मूल्य के नोट तथा सिक्के व्यवहार में उसी मूल्य के ई-रूपी भी बैंक द्वारा जारी किए जाएंगे. ई-रूपी के लेनदेन के लिए बैंकों द्वारा ग्राहकों तथा व्यापारियों को ई-वॉलेट दिया जाता है. इस ई-वॉलेट को आपको अपने मोबाइल में रखना होगा. व्यापारी के पास QR कोड होगा जिससे आप भुगतान कर पाओगे. ये QR कोड हाल के यूपीआई QR कोड से अलग होगे.

UPI पेमेंट सिस्टम तथा ई-रूपी में क्या अंतर है?

UPI पेमेंट सिस्टम में हर एक ट्रांजैक्शन बैंक में होता है. UPI पेमेंट सिस्टम एक प्रकार का बैंक टू बैंक ट्रांसफर सिस्टम है. अगर बैंक का ट्रांजैक्शन नेटवर्क खराब ही जाएं तो UPI पेमेंट सिस्टम काम नहीं करता. जबकि ई-रूपी सिस्टम बहुत ही आसान है. जैसे आम व्यवहार में आप किसी सब्जी वाले को १०० रुपए देते है तो इसमें बैंक का कोई रोल नहीं है, इसी तरह ई-रूपी सिस्टम में भी अगर आप किसी को भुगतान करते है तो यहा पर भी ई-रूपी आपके वॉलेट से दूसरे के वॉलेट में ट्रांसफर होता है. इस व्यवहार में बैंक का कोई रोल नहीं है, नही इंटरनेट की जरूरत है.

ई-रूपी ट्रांजैक्शन में गोपनीयता कितनी होगी?

हाल में हम जो UPI या फिर कोई और डिजिटल ट्रांजैक्शन करते है, उसके मुकाबले ई-रूपी ट्रांजैक्शन में गोपनीयता ज्यादा होगी. ई-रूपी ट्रांजैक्शन में बैंक प्रत्यक्ष रूप में सामिल नही होता है, यह पे पैसे का लेनदेन दो पार्टी के बीच में होता है, इसी लिए यह पर गोपनीयता बरकरार रहती है. लेकिन जैसे पैसों के बड़े व्यवहारों में PAN कार्ड जरूरी है, वैसे हीं ई-रूपी ट्रांजैक्शन में भी बड़े व्यवहारों में PAN कार्ड आवश्यक होगा.

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