Sunday, May 5, 2024
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क्यों कुछ लोगो को मच्छर ज्यादा काटते है?

आपने अक्सर देखा या अनुभव किया होगा की ज्यादातर मच्छर कुछ लोगों को ज्यादा काटते है. दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते है जो मच्छरों को अपनी तरफ चुंबक की तारक आकर्षित करते है. इसके पीछे बहुत सी धारणा है. कुछ लोग मानते है की जिनका खून ज्यादा मीठा होता है उन्हे मच्छर ज्यादा काटते है. दूसरी तरफ कुछ लोगो का मानना है की लड़किया और बच्चों को तथा जो लोग केला ज्यादा खाते ही उन्हें मच्छर ज्यादा काटते है. आज इस आर्टिकल में इसके बारे में हम लोग विस्तार से जानेंगे.

मच्छरों की ऊपर वैज्ञानिक अभ्यास

मच्छर कुछ लोगो की तरफ ही क्यों ज्यादा आकर्षित होते है? इसे जानने के लिए रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के  न्यूरोजेनेटिक्स प्रयोगशाला के अध्यक्ष लेस्ली वोशाल ने कुछ प्रयोग किए. इस अभ्यास में आठ लोगो को सामिल किया गया तथा उन्हे रोजाना अपने हाथो पर नायलॉन के मोजे पहनने को कहा गया. इससे उस व्यक्ति की खुशबू नायलॉन के मोजो में आ जाती है. इन सभी आठ मोजो को एक कमरे में रखा गया और बाद में इस कमरे में मच्छरों को छोड़ा गया. इसके लिए बाद इस कमरे में एडीज एजिप्टी मच्छर छोड़ा गया. एडीज एजिप्टी मच्छर ए मच्छरों की वह प्रजाती है जो जीका, डेंगू, पीला बुखार और चिकनगुनिया के लिए जवाबदेह है. यह प्रयोग मे पाया गया की मच्छर कुछ ही ग्लव्स की तरफ आकर्षित हुए. सबस कम आकर्षित करने वाले ग्लव्स के मुकाबले 100 गुना ज्यादा मच्छर सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाले ग्लव्स पर पाए गए.

इस बात को पुख्ता करने के लिए वैज्ञानिको द्वारा इसी प्रयोग को दूसरी बार किया. इस बार आठ लोगो को जगह 56 लोगो को इस प्रयोग में सामिल किया. इस बार भी मच्छर बाकि सभी ग्लव्स के मुकाबले कुछ खास ग्लव्स की तरफ ही आकर्षित हुए. अब ए बात पक्की थी की खुच खास सुगंध या केमिकल मच्छरो को ज्यादा आकर्षित करती है.

वैज्ञानिक अभ्यास तारण

वह कोनसा केमिकल या सुगंध है जो मच्छरो को जयादा खिचती है ए बात पता करने के लिए, वैज्ञानिको ने उन सभी ग्लव्स जिनकी तरफ मच्छर ज्यादा गए थे उनकी बारीकी से तापस की. इस तापस में पाया गया की इन सभी ग्लव्स में कार्बोक्जिलिक एसिड की मात्रा ज्यादा थी. 

मानवी की त्वचा पे हंमेशा शरीर के लिए फायदेमंद बेक्टेरिया पाए जाते है. अलग अलग मानवी की तासीर के हिसाब से यह बेक्टेरिया अलग अलग होते है. हमारी त्वचा के सबसे उपले पड को सीबम कहते है. इस सीबम लेयर का कम हमारी त्वचा में नमी बनाये रखना है. इस सिबम लेयर में काफी तरह के फैटी एसिड होते है. हमारी त्वचा पे पाए जाने वाले फायदेमंद बेक्टेरिया इन फैटी एसिड को खा कर कुछ गैस रिलीज़ करते रहते है. इसी गैस की वजह से हर एक व्यक्ति में से एक खास सुघंध या दुर्गन्ध आती है. 

कुछ व्यक्ति में यह बेक्टेरिया ज्यादा कार्बोक्जिलिक एसिड वाली गैस बनाते है. मच्चारो को यही कार्बोक्जिलिक एसिड वाली गैस ज्यादा लुभाती है.तथा मछार ऐसे ही लोगो की तरफ चुम्बक की तरह आकर्षित होते है.

यह वैज्ञानिक प्रयोग क्यों किया गया था?

इस प्रयोग में मुख्य लक्ष्य था की उस खास चीज़ का पता लगा कर उसे ख़त्म करना जिससे मछर मानवी की तरफ आकर्षित ना हो. हर साल लाखो लोगो की मृत्यु इसी मच्छरो द्वारा फेलाए जाने वाले रोगों की वजह से होती है. अगर मच्छरो को हमारी तरफ आकर्षित होने से रोका जाये तो हम इस बीमारियों से बाख सकते है.

इसके लिए दो रस्ते है. पहला यातो हमारी त्वचा से वह बेक्टेरिया जो ज्यादा कार्बोक्जिलिक एसिड बनाते है उन्हें बदल कर दुसरे फायदेमंद बेक्टेरिया डाले जाये. लेकिन ऐसा करना हमारी त्वचा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. एसे बेक्टीरिया की अदला बदली करने वाली सफल पद्धति अभी तक नहीं शोधी गई. हो सकता है भविष्य में कोई ऐसी कोई नई पद्धति का इजहार हो जाये.

दूसरा रास्ता है की मच्छरो की सूंघने की क्षमता का ही नाश कर दिया जाये. इसके लिए भी वैज्ञानिको ने बहुत से प्रयाश किये हे लेकिन अभी तक इसमें सफलता नहीं मिली है. आशा करते है की नजदीकी भविष्य में वैज्ञानिको को इसमें सफलता मिलेगी और हम इन मच्छरो के त्रास से मुक्ति छुटेंगे.

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Reference

rockefeller university article

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