गायत्री मंत्र ‘ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।’ इस मंत्र को वेदों में बड़ा ही चमत्कारी और फायदेमंद बताया गया है. इस मंत्र का जप आमतौर पर उपनयन संस्कार के बाद किया जाता है.
गायत्री मंत्र का उच्चारण जहां एक ओर पूजा को पूर्णता प्रदान करता है वहीं मन को केन्द्रित करके शारीरिक ऊर्जा का विकास करता है.
वैज्ञानिक दृष्टि से गायत्री मंत्र के फायदे
इम्यूनिटी बढ़ाये और तंत्रिकाओं के कार्य में सुधार
गायत्री मंत्र का उच्चारण ‘ऊँ’ शब्द से शुरू होता है. जिसके उच्चारण से होंठ, जीभ, तालू, गला और सिर के पिछले भाग में आवाज प्रतिध्वनित होती है जिससे मन शांत होता है. इस मंत्र के शब्दांशों के उच्चारण से मन एकाग्र हो जाता है. जिससे हमारे शरीर की ऊर्जा बढ़ती है. इसी कंपन से हमारी तंत्रिकाओं को ताकत मिलती है जिससे हमारी तंत्रिकाएं स्वास्थ्य रहती हैं.
दिमाग को शांत रखता है और तनाव दूर करता है.
अगर आप तनाव से ग्रस्त रहते हैं तो गायत्री मंत्र का जाप करें. इसका जाप करने से आपका दिमाग शांत रहेगा. साथ ही इसके लगातार जाप करने से यह आपको आने वाले तनाव से भी बचाएगा. कहा गया है कि जब भी कोई व्यक्ति गायत्री मंत्र का पाठ करता है तो अनेक प्रकार की संवेदनाएं इस मंत्र से होती हुई व्यक्ति के मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं. इसके जप से दिमाग ही नहीं शांत होता है बल्कि पढ़ने वाले बच्चों की एकाग्रता और सीखने की क्षमता भी अच्छी रहती है। साथ ही गायत्री मंत्र के उच्चारण से शरीर में पॉजिटिव एनर्जी आती है.
सांस के रोगों से छुटकारा
गायत्री मंत्र के उच्चारण से आपकी सांस क्रिया बेहतर होती है. इसके रोज जप करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है, साथ ही शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह भी बढ़ता है. इसके अलावा गायत्री मंत्र का जाप करते वक्त लंबी और गहरी सांस लेनी और छोड़नी-पड़ती है, जिससे फेफड़ों को मजबूती मिलती है और सांस-रोग जैसे अस्थमा को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है.
दिल को स्वस्थ रखें और त्वचा को चमकदार बनाये
गायत्री मंत्र का जप आपके फेफड़ों के साथ-साथ दिल को भी स्वस्थ रखता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के अनुसार गायत्री मंत्र के जाप से सांस लेने की गति कम हो जाती है. जिससे दिल के धड़कन की गति नियंत्रित रहती है और दिल को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है. इसके अलावा गायत्री मंत्र का जाप करने से त्वचा में चमक आती है.
गायत्री मंत्र के जप से हमारे चेहरे की त्वचा में ब्लड बहाव अच्छा होता है, और त्वचा से विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं, जिससे त्वचा में चमक आती है और त्वचा कई गुना निखर जाती है. गायत्री उपासना कभी भी, किसी भी स्थिति में की जा सकती है. हर स्थिति में यह लाभदायक है.
सीखने की क्षमता में सुधार, एकाग्रता बढ़ाता है
योग के एक अंतर्राष्ट्रीय जर्नल ने हाल ही में खुलासा किया है कि नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करने वाले लोगों में बेहतर याददाश्त और एकाग्रता होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि जब आप मंत्र का जप करते हैं, तो यह शरीर में पहले तीन चक्रों को सक्रिय करता है. चूँकि ये तीनों चक्र मस्तिष्क और ऑर्थराइड ग्रंथि से सीधे जुड़े होते हैं इसलिए वे संबंधित ग्रंथियों को उत्तेजित करके एकाग्रता और याददाश्त बढ़ाने में मदद करते हैं.