आमतौर पर ऐसी धारणा बनी हुई है कि सभी साँप जहरीले होते है. जब भी हम सब को देखते हैं हम मान लेते हैं कि यह जहरीला है और तुरंत ही मारने के लिए तत्पर रहते हैं. लेकिन यह धारणा बिल्कुल गलत है. पूरी दुनिया में पाए जाने वाले हर 5 साँपो में से मात्र एक ही साँप जहरीला होता है.
पूरी दुनिया में सांपों की 3,400 के आसपास प्रजातियां हैं और वे अंटार्कटिका, आइसलैंड, आयरलैंड, ग्रीनलैंड और न्यूजीलैंड को छोड़कर हर जगह पाए जाते हैं. इन सभी प्रजातियो में से लगभग 600 प्रजातियाँ विषैली होती हैं, और केवल 200 प्रजातियां ऐसी हे जो मानव को मारने या महत्वपूर्ण रूप से घायल करने में सक्षम हैं.
अगर भारत के दृष्टिकोण से देखा जाए तो भारत में सांपों की 350 के आसपास प्रजातियां हैं. भारत के सभी सांपों में से केवल 15% से 17% ही जहरीले होते हैं जिनमें समुद्री सांप भी शामिल हैं. भारत में पाए जाने वाला सबसे बड़ा सांप जालीदार अजगर जो 25 फीट से भी ज्यादा लंबा हो सकता है. जबकि किंग कोबरा दुनिया का सबसे लंबा विषैला सांप है जो 20 फीट तक बढ़ सकता है. और भारत में पाए जाने वाला सबसे छोटा सांप ब्राह्मणी ब्लाइंड सांप है जिसकी औसत लंबाई 10 सेंटीमीटर है.
भारत में देखा जाये तो सर्पदंश की वजह से अगर कही पे सबसे ज्यादा मृत्यु होती है तो वो पच्छिम बंगाल में होती है. इस मामले में ओडिशा तथा उत्तार प्रदेश इसके बाद आते है.
जमीं पर पाए जाने वाले साँपो के मुकाबले समुद्री साँप ज्यादा जहरीले होते है. दरियाई साँपो की प्रजातीया भी जमीं पर पाए जाने वाले साँपो के मुकाबले ज्यादा है. लेकिन समुद्र में पाए जाने वाले साप ज्यादा सुस्त होते है. वेह ज्यादा गति से भाग नहीं सकते. समुद्री साँप ज्यादा जहरीले होने के बावजूद मनुष्य के लिए ज्यादा हानिकारक नहीं है. वेह ज्यादा तर इंसानों पर आक्रमण नहीं करते नहीं इन्सान उनकी खुराक है.
रोचक तथ्य: साँप अपनी जीभ का उपयोग स्वाद के लिए नहीं बलके गंध परखने के लिए करते है. इसी लिए अपने देखा होगा साँप अपनी जीभ हर कुछ समय के बाद बहार निकालता रहता है.
Reference:
more interesting content