Saturday, May 18, 2024
Homeसामान्य ज्ञानक्या युद्ध से पहले विरोधी देश को आधिकारिक तौर पर बताना जरुरी...

क्या युद्ध से पहले विरोधी देश को आधिकारिक तौर पर बताना जरुरी है?

किसी भी देश को अगर खुल्लम-खुल्ला युद्ध छेड़ना है तो आधिकारिक तौर पर विरोधी देश को बताना जरूरी या फिर अनिवार्य नहीं है. उल्टा युद्ध रणनीति से देखा जाए किसी को बिना बताए आक्रमण करीना की श्रेष्ठ रणनीति है. लेकिन इस रणनीति का एक नुकसान भी है. 

अंतरराष्ट्रीय जिनीवा संधि के मुताबिक़ अगर कोई देश अधिकारिक जानकारी के बिना किसी दूसरे देश पर आक्रमण करता है, तो इसे युद्ध का प्रयास नहीं माना जाएगा. इसलिए यह संधि के अनुसार अगर आक्रमक देश या विरोधी देश किसी भी सैनिकों को पकड़ लेता है, तो उन्हें युद्ध कैदी का दर्जा नहीं मिलता है. इस परिस्थिति में किस देश ने दूसरे देश के सैनिकों को पकड़ा है तो उनको जासूस मानकर तुरंत ही मौत की सजा दे सकता है.

इसी लिए देखा गया है जिस देश के सैनिक पहले पकड़े जाते हैं वह देश तुरंत ही आधिकारिक तौर पर युद्ध की घोषणा कर देता है. जिससे उनके पकडे गए सैनिकों को युद्ध कैदी का दर्जा मिल सके. 1864 में बनी तथा इसके बाद सन 1906, 1929 और  1949 में सुधारी गई जिनीवा संधि के अनुसार पकड़े गए युद्ध कैदियों के प्रति मानवीय व्यवहार करना पड़ता है. उनको तिन टाइम का खाना देना पड़ता है. उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखना पड़ता है. युद्ध कैदियों को अपने स्नेही जनों को पत्र व्यवहार करने के लिए अनुमति देनी पड़ती है. और इस संधि के अनुसार पकड़े गए सभी युद्ध कैदियों की लिस्ट विरोधी देश को देनी पड़ती है. 

लेकिन दिखा दिया है बहुतम समय काफी देश जिनीवा संधि का पालन नहीं करते हैं. दोनों गल्फ युद्ध के दौरान अमेरिका ने काफी इराकी सैनिकों को पकड़ा था और उनको मौत के घाट उतार दिया था. पाकिस्तान में भी 1965 तथा 1971 के युद्ध कैदियों के प्रति अमानवीय बर्ताव किया था. किस युद्ध के दरमियान भारत ने पाकिस्तान द्वारा पकडे गए 54 कैदियों की एक लिस्ट पाकिस्तान को दी थी. लेकिन पाकिस्तान ने बड़ी नालायकी से ऐसा कहा था कि ऐसे कोई युद्ध कैदी उनके पास नहीं है. 

उसके सामने भारत ने पकड़े गए 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को पाकिस्तान को दिया था. भारत चाहता है इतने सैनिकों के सामने POK ले सकता था. लेकिन भारत की सरकार किस में विफल रही थी.  यह हमारी सरकार का दोष था. दोनों युद्ध हम पाकिस्तान के सामने युद्ध भूमि में जीते थे लेकिन यही दोनों युद्ध हमारी उस समय की सरकार टेबल पर हर गई थी.

हमारे दुसरे आर्टिकल भी पढ़े..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments